Barakhadi in Hindi to english | 12 khadi
June 6, 2023बारखड़ी एक हिंदी वर्णमाला है जिसमें हर अक्षर के साथ सभी स्वरों को जोड़ा जाता है। इससे नए शब्द बनाना […]
बारखड़ी एक हिंदी वर्णमाला है जिसमें हर अक्षर के साथ सभी स्वरों को जोड़ा जाता है। इससे नए शब्द बनाना […]
नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप सब उम्मीद करता हूँ आप सब अच्छे होंगे, आज हम आपको बताने वाले की बारहखड़ी […]
देवनागरी लिपि एक हैं जो भारतीय संस्कृति और भारत के इतिहास के प्रति अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह भारत में स्थित […]
मनुष्य का जीवन इतना विशाल है कि उसके आचरण को रूप देने के लिए नाना प्रकार के ऊँच-नीच और भले-बुरे […]
जिसे भारतीय संस्कृति कहा जाना चाहिए, वह आज भारतीय, मानसिक क्षितिज में क्रियाशील नहीं है। आज एक प्रकार की अव्यवस्थित […]
संसार को परिभाषित करना बहुत मुश्किल काम है। महाद्वीपों, द्वीपों, महासागरों, पर्वतों, मैदानों, सर-सरिताओं आदि का समेकित नाम ही संसार […]
शान्ति, सद्भावना, सदाशयता एवं परहित निरन्तरता आदर्श समाज के प्रमुख गुण हैं। भारतीय मनीषा ने इन मानव सुलभ विशेषताओं पर […]
प्रश्न 1-फादर की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी क्यों लगती थी? उत्तर- देवदार हिमालय पर 6,000 फुट से 8,000 फुट […]
प्रकृति के अनेक अभिकर्त्ता अपनी तरह से अपना काम करते हैं। हवा, पानी, तूफान, बादल, बिजली आदि सभी अपना काम […]
शहनाई की दुनिया के बेताज बादशाह बिस्मिल्ला खाँ का जन्म-ख्यान दुमराँव ही है। साथ हो शहनाई और डुमरांव एक-दूसरे के लिए उपयोगी है। शहनाई बजाने के लिए रोड का प्रयोग होता है। रोड अन्दर से पोली होती है, जिसके सहारे शहनाई को फेंका जाता है। रोड, नरकट (एक प्रकार की घास) से बनाई जाती है, जो डुमराँव में मुख्यतः सोन नदी के किनारे पाई जाती है।