संचार अर्थात संप्रेषण केवल एक स्थान, व्यक्ति या समूह से दूसरे स्थान पर सूचना स्थानांतरित करने का कार्य है। प्रत्येक संचार में (कम से कम) एक प्रेषक, एक संदेश और एक प्राप्तकर्ता शामिल होता है। यह सरल लग सकता है, लेकिन संचार वास्तव में एक बहुत ही जटिल विषय है
संप्रेषण किसे कहते हैं।
किसी संदेश, डाटा या सूचना को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक स्थानांतरित करना, संप्रेषण के कहलाता है। संचार मनुष्यों के साथ-साथ एक संगठन के अस्तित्व और अस्तित्व के लिए मौलिक है। यह एक सामान्य समझ तक पहुँचने के लिए लोगों के बीच विचारों, सूचनाओं, विचारों, तथ्यों, भावनाओं आदि को बनाने और साझा करने की एक प्रक्रिया है। संचार प्रबंधन के निर्देशन कार्य की कुंजी है।

संप्रेषण के प्रकार-
अमौखिक संप्रेषण (Non-verbal communication)
जो संप्रेषण बिना शब्दों को भोले किया जाता है वह अमौखिक संप्रेषण कहलाता है। यह संप्रेषण का एक आधारभूत रूप है। अमौखिक संप्रेषण अपनी भावनाओं और एटीट्यूड को प्रदूषित करने में प्रयुक्त होता है।
उदाहरण: जैसे की जब हम अपनी खुशी प्रदर्शित करते हैं तो कंधों को मुस्कुराहट के साथ उठाते हैं या जब हम गुस्सा होते हैं तो आंखों से घूरते रहते हैं, या कमी क्या प्रकार का प्रश्न पूछना है तो भौंहें को ऊपर उठाते हैं, आदि। यह सब बिना कोई शब्दों का ही संप्रेषण अर्थात संचार ही होता है जो’ सामने वाला आसानी से हमारे हाव भाव को समझ जाता है। कभी-कभी वक्ता की ईमानदारी उसके शब्दों से पता न लग कर उसके हाव-भाव से पता लग जाती हैं।
मौखिक संप्रेषण (Verbal communication)
यद्यपि कई चीजों को बिना शब्दों के व्यक्त किया जाता है, लेकिन फिर भी कभी-कभी भाषा की आवश्यकता होती है। यदि आप भूतकाल की बात करना चाहते हो या किसी घटना को बताना चाहते हो तो उसे बिना शब्दों का प्रयोग करें बताना मुश्किल होता है।
मौखिक संप्रेषण में शब्दों को अर्थ पूर्ण तरीके से व्यवस्थित किया जाता है।विचारों को व्यक्त करने के लिए शब्दों को व्याकरण के नियमों के अनुसार व्यवस्थित करते हैं। तथा जो संदेश बनता है उसे भूल कर या लिखित रूप में श्रोताओं तक स्थानांतरित किया जाता है।
बोलना व लिखना (Speaking and writing)-
अधिकतर कंपनियों में लोग लिखने के बजाय बोलने को अधिक प्राथमिकता देते हैं।इससे बोलने की क्षमता और अधिक प्रभावी हो जाती है। मौखिक संप्रेषण में किसी बात को अन्य लोगों को समझाने में समय कम लगता है बजाय अगर उस बात को लिखकर कहा जाए। इससे एक लाभ यह भी होता है कि हमें फीडबैक भी तुरंत मिल जाता है।
दूसरी तरफ अगर हम मौखिक संप्रेषण पर ज्यादा भरोसा करेंगे तो उससे कंपनी में समस्याएं खड़ी हो जाएंगी। कंपनियां दिन प्रतिदिन प्रगति करते हैं, कर्मचारी भी तरक्की करते हैं ऐसे में सबके विचारों को याद रखना बहुत असंभव सी बात होती है जिससे कभी आवश्यकता पड़ने पर सबूत के रूप में इन्हें प्रस्तुत किया जा सके।
सुनना (Listening)–
कंपनी में लोग अधिकांश समय सूचनाओं को प्राप्त करने में लगते हैं। प्रभावी बिजनेस संप्रेषण ना केवल सूचनाओं को भेजने पर निर्भर होता है अपितु सूचनाओं को वैसा ही प्राप्त करना भी होता है। लेकिन हर कोई बहुत अच्छा श्रोता नहीं होता है अगर हम किसी का भाषण 10 मिनट सुनते हैं तो हमें मुश्किल से 10 शब्द याद रह पाते हैं।
हम अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए उसको सीखने में सालों गवा देते हैं। लेकिन हम में से केवल कुछ ही लोग होते हैं जो सुनने का कोर्स करते हैं। हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी कंपनी में अच्छा साबित करना है तो हमें सुनने की आदत को विकसित करना होगा।
ईमेल (Electronic mail)-
ई-मेल की सहायता से संदेश एक स्थान से दूसरे स्थान पर अन्य संदेश माध्यमों की तुलना में तीव्र वह बहुत कम लागत से भेजा जाता है। इसके लिए संदेश प्राप्त करता वह प्रेषित दोनों के पास मेल आई- डी कंप्यूटर, इंटरनेट की सुविधा होना आवश्यक है। इसके द्वारा संदेश वर्ड प्रोसेसर मे टकित किया जाता है और इसके पश्चात प्राप्तकर्ता की ईमेल आईडी पर भेजा जाता है।
इसके साथ आप कुछ फाइल, चित्र भी संलग्न करके भेज सकते हैं। ईमेल के द्वारा आप एक ही संदेश को एक साथ कई लोगों को भेज सकते हैं। इसमें संदेश प्राप्तकर्ता के इनबॉक्स में जाकर संग्रहित होता है,जब प्राप्तकर्ता अपनी ईमेल आईडी को खोलेगा उसे एक नया मैसेज लिखा हुआ मिलेगा जिससे उसे यह पता चलेगा कि कोई नया संदेश आया है।
ई-मेल के लाभ ( Advantages of Email)-
- इसमें कम समय लगता है।
- इसके द्वारा एक साथ बहुत से लोगों को संदेश भेज सकते हैं।
- संदेश प्राप्तकर्ता इसे कहीं भी कभी भी देख सकता है।
- यह संदेश भेजने का प्रचलित माध्यम है।
इन्हें भी पढ़ें:
Where there is a will, there is a way.