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नैनीताल में घूमने की जगह कौन-कौन सी है?

नैनीताल
नैनीताल

नैनीताल भारत देश के उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जनपद में स्थित है? यह उत्तराखंड का पर्यटन स्थलों में से सबसे खूबसूरती पर्यटन स्थल हैं। जो कुमाऊं में स्थित है। तथा यहां पर पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण यहां पर खूबसूरती से भरा है। यहां पर एक अनोखी झील भी है जिसे नैनी झील के नाम से भी जाना जाता है।

तथा यहां का वातावरण शांत स्वभाव का है। तथा यहाँ का क्षेत्र झिलाें से भरा हुआ है। तथा यहां पर बर्फ से ढके पहाड़ी दिखाई देती है। तथा यहां की सुंदरता पर्यटन को आकर्षित करती हैं। माना जाता है कि जो समुद्र तल से 1938 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तथा यहां की जलवायु साल भर एक प्रकार की जलवायु पाई जाती है।

इन्हें भी देखें:- देवरिया ताल का इतिहास | देवरिया ताल कहां स्थित है?

नैनी झील ( नैनीताल)

यहां पर लोग नैनी झील में नाव के द्वारा यहां पर इस झील को देखते हैं। तथा झील और नाव में लोग काफी मजे लेते हैं। तथा यहां पर प्रकृति का सौंदर्य का का आनंद लेते हैं। तथा यहां पर लोगों को नाव में बैठने के लिए काफी उत्सुकता देखने को मिलती है। तथा यह झील काफी लंबी है। तथा इस झील में प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में देखने को आते हैं। तथा यह झील काफी मनमोहक छवि को दर्शाती है। तथा इस झील का ऊपरी भाग मल्ला ताल कहलाता है तथा दक्षिणी भाग तल्ला कहलाता है।

नैनी देवी मंदिर

नैना देवी मंदिर
नैना देवी मंदिर

नैनी देवी मंदिर यह 51 शक्तिपीठों के रूप में एक प्रतिष्ठान है। यह पवित्र आस्था में से एक है। जो नैनीताल जिले के ऊपरी भाग में स्थित है। यह भारत के पवित्र स्थानों में से एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर देवी सती की आंख के लिए प्रसिद्ध है। तथा यहां पर काफी मात्रा में लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। नैना देवी मंदिर की मूर्ति 1842 में मोती राम शाह देवी के भक्त ने इसकी स्थापना कि थीं। फिर 1882 में भूस्खलन होने के कारण मंदिर ध्वस्त हो गया था। फिर सन 1883 में वहां के निवासियों के द्वारा मंदिर का निर्माण किया गया। तथा या मंदिर हिंदू आस्था और विश्वास को दर्शाता है।

गोलू देवता मंदिर

गोलू देवता मंदिर यह नैनीताल जिले के घोड़ाखाल से प्रसिद्ध है। माना जाता है कि यह मंदिर बहुत बड़ा आस्था केन्द्र हैं। जो समुद्र तल से 2000 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। जो एक प्राचीन मंदिर है। तथा यहां की आस्था प्राचीन समय से चली आ रही है। गोलू देवता न्याय के देवता माने जाते हैं।

तथा यहां पर जो भी भक्त श्रद्धा से आता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। माना जाता है कि गोलू देवता भगवान शिव का रूप माना जाता है। माना जाता है कि लोग यहां पर अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए कागज के पन्ने पर लिखकर देवता को चढ़ाते हैं। कर भगवान उसको पढ़ कर उसकी मनोकामना पूरी करता है। एक रहस्य मंदिर है।

गिरजा देवी मंदिर (गर्जिया देवी मंदिर)

गिरजा देवी मंदिर
गिरजा देवी

गिरजा देवी मंदिर उत्तराखंड के नेैनीताल जिले के सुंदर गांव में स्थित है। जो माता पार्वती मंदिरों में से एक पवित्र मंदिर है। यह रामनगर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर पहाडीयाें के बीच बसा एक मंदिर है। यहां का वातावरण शांत स्वभाव का है। गिरजा देवी मंदिर को गिरिराज के नाम से पुकारा जाता है।

यह मंदिर कोसी नदी के तट पर स्थित है। माना जाता है कि यह मंदिर कोसी नदी से बेहकर आया था। जिससे भैरवनाथ में रोक दिया था। भैरवनाथ बोला की आप भी मेरे साथ निवास कर दो। इसलिए यहां पर भैरवनाथ और गिरजा देवी के दर्शन करने के लिए लोग आते हैं। तथा यहां पर काफी मात्रा में लोग दर्शन करने के लिए आते हैं।

हनुमानगढ़ मंदिर

यह मंदिर नैनीताल जिले में स्थित है। यह एक प्राचीन मंदिर है। जिसकी स्थापना बीसवीं शताब्दी में हुई थी। यह मंदिर समुद्र तल से भगवान 1951 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। इस मंदिर में सूर्योदय होने के उपरांत और और सूर्य अस्त होने के बाद नजारा बहुत अलग दिखाई देता है। माना जाता है किस मंदिर में जो भी भक्त शारदा से आता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।

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