
वैद्युत द्विध्रुव के कारण | वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
नमस्कार दोस्तों, आज मैं आपके लिए लेकर आया हूँ कक्षा 12 की भौतिक विज्ञान अध्याय 01 जिसका नाम है विद्युत आवेश तथा कूलॉम का नियम। तो आज मैं इसमें चौथा पार्ट लेकर आया हूँ। अगर आपको हमारा कोर्स अच्छा लगे तो अपने पूरे friend Circle में share कर दे। तो चलिए शुरू करते हैं।
वैद्युत द्विध्रुव क्या है?
विद्युत द्विध्रुव दो समान और विपरीत आवेशों का एक युग्म है, +q और −q बहुत कम दूरी से अलग होते हैं। … वैद्युत द्विध्रुव के वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण को द्विध्रुव के किसी एक आवेश के परिमाण और उनके बीच की दूरी के गुणनफल के रूप में परिभाषित किया जाता है। समान और विपरीत आवेशों के युग्म के लिए विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का सूत्र p = q है, आवेश का परिमाण दोनों के बीच की दूरी से गुणा किया जाता है।
अक्षीय अथवा अनुदैर्ध्य स्थिति पर-
माना AB एक वैद्युत द्विध्रुव जो परावैद्युतांक माध्यम K में स्थित है। -q व +q से मिलकर बना है, तथा जिनके बीच की दूरी 2L है। वैद्युत द्विध्रुव के मध्य बिंदु o से r मी० की दूरी पर अक्षीय स्थिति पर एक बिंदु P है, जिस पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करनी है।
माना +q के कारण बिंदु P पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता-
E1 = 1/4πE० × q/(r-l)2
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-q के कारण बिंदु P पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता-
E2 = 1/4πE० × q/(r+l)2
बिंदु P पर कुल वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता-
E = E1 – E2 (दोनो की दिशाएँ विपरीत होती है)
E = 1/4πE० × q/(r-l)2 – 1/4πE० × q/(r+l)2
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E = q/4πE० (r2 + l2+ 2lr – r2 – l2 + 2lr)/(r2 – l2)2
E = q/4πE० × 4lr/(r2 – l2)2
r > l , r2 >> l2
तो l2 को नगण्य करने पर
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E = q/4πE० × 4lr/r4
E = q/4πE० × (2×2lr)/r3
E = 2ql/4πE० × 2/r3
E = P/4πE० × 2/r3
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E = 1/4πE० × 2P/r3 N/C
OP की दिशा – चार्ज से + चार्ज की ओर होगी ।
निरक्षीय अथवा अनुप्रस्थ स्थिति पर-
माना AB एक वैद्युत द्विध्रुव जो -q और +q से मिलकर बना है। जिसके मध्य बिंदु O से r दूरी पर निरक्षीय स्थिति पर एक बिंदु P है, जिस पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करनी है।

+q के कारण बिंदु P पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
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E1 = 1/4πE० × q/(BP)2 = 1/4πE० × q/(r2 + l2)
-q के कारण बिंदु P पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
E2 = 1/4πE० × q/(AP)2 = 1/4πE० × q/(r2 + l2)
E1 व E2 के मान परस्पर बराबर है। परंतु दिशाएँ भिन्न है। अतः E1 व E2 को समांतर व लंबवत घटकों को वियोजित करने पर E1 sin(θ) व E2sin(θ) एक दूसरे के बराबर व विपरीत है। तो यह निरस्त हो जाएँगे । जबकि समांतर घटक एक ही दिशा में होने के कारण जुड़ जाएँगे।
अतः बिंदु P पर परिणामी वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता-
E = E1cos(θ) + E2cos(θ)
E = 1/4πE० × q/(r2 + l2)cos(θ) + 1/4πE० × q/(r2+ l2)cos(θ)
E = K×q/(r2 + l2)cos(θ) + K×q/(r2 + l2)cos(θ)
E = 2K×q/(r2 + l2)cos(θ)
E = 2K×q/(r2 + l2) × l/(r2 + l2)1/2
E = K × 2ql/(r2 + l2)3/2
:• r > l , r2 >> l2
तो l को निरस्त करने पर
E = K × P/(r2)3/2
E = 1/4πE० × P/(r3) N/C