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उत्तराखंड में कैसी जलवायु पाई जाती है?

उत्तराखंड का अधिकांश भाग पहाड़ी होने के कारण वर्ष भर बर्फ से ढका रहता है। तथा यहां की जलवायु मौसम पर निर्भर करता है। तथा राज्य पहाडी़ जनपदों में दिसंबर से फरवरी तक काफी ठंडा रहता हैं। तथा कहीं-कहीं ऊंचे पहाड़ों में बर्फ गिरता है।

यहां पर वर्षा मानसूनी वर्षा पर निर्भर करते हैं। तथा यहां पर कभी शीतकाल में बहुत बारिश होती है। ग्रीष्म काल में घाटियों मैं गर्म और नम उष्ण जलवायु पाई जाती हैं। यहां पर्वतीय क्षेत्रों में शीतकाल में कुछ क्षेत्र बर्फ से भी ढके रहतें हैं। जैसे- अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी, पौड़ी, आदि क्षेत्र बर्फ से ढके रहते हैं। तथा उत्तराखंड में निम्न तीन प्रकार की जलवायु पायी जाती है 1- ग्रीष्म ऋतु (मार्च से जून) 2- वर्षा ऋतु (जून से अक्टूबर)3 शीत ऋतु (अक्टूबर से मार्च)

ग्रीष्म ऋतु

उत्तराखंड की जलवायु
ग्रीष्म रितु का मौसम

उत्तराखण्ड में ग्रीष्मकालीन को स्थानीय भाषा के रूडी (Rudi) भी कहा जाता हैं। तथा यहाँ का तापमान मध्य मार्च से मध्य जून तक रहता है। संपूर्ण राज्य में औसत ग्रीष्मकालीन तापमान 12° से 16° सेंटीग्रेड रहता है।

देहरादून में अधिकतम तापमान 30.1 सेंटीग्रेड एवं न्यूनतम तापमान 7.8° सेंटीग्रेड रहता है। कथा ग्रीष्म काल में किसी किसी क्षेत्र में बहुत गर्मी होती है जैसे देहरादून, हरिद्वार ,उधमसिंह नगर, बागेश्वर आदि मैदानी इलाकों में बहुत गर्मी हाेती हैं। यहां पर उद्योग इत्यादि होने के कारण यहाँ गर्मी होती है

वर्षा ऋतु

उत्तराखंड जलवायु
वर्षा ऋतु ऋतु

उत्तराखंड में वर्षा ऋतु का काल मध्य जून से मध्य अक्टूबर तक माना जाता है मानसून जून से मध्य सितंबर तक होती रहती है तथा अधिकतम वर्षा 1200ये 2100 मीटर की ऊंचाई पवनाेन्मुखी ढालाें पर औसतन 35 से 50 सेमी तथा विमुख ढालाें पर 20 से 25 सेमी हाेती हैं। तथा जाडों में पश्चिमी अवदाब के कारण हिमपात हाेता हैं।

इसके पश्चात मानसून लौटने लगता है और मध्य सितंबर से दिसंबर तक मौसम सुहावना हाे जाता है। इस काल काे शरद ऋतु कहा जाता है। तथा राज्य में औसत वार्षिक वर्षा 150 200 सेमी तक होती है। तथा बहाय हिमालय मे सर्वाधिक वर्षा होती है।

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उत्तराखंड के कुछ स्थानों में वार्षिक वर्षा का विवरण

नरेंद्रनगर (318.8) सेटी मीटर वर्षा, मसूरी (242.5) सेटी मीटर वर्षा, देहरादून (212.0) सेटी मीटर वर्षा, कोटद्वार (180.0) सेटी मीटर वर्षा नैनीताल, नैनीताल (165.0) सेटी मीटर वर्षा, अल्मोड़ा (136.6) सैंटी मीटर वर्षा ,श्रीनगर (93.0) सेंटी मीटर वर्षा, टिहरी(80.0) सेटी मीटर वर्षा,

शीत ऋतु

उत्तराखंड की जलवायु
शीत ऋतु

शीत वर्षा प्रदेश में अक्टूबर से प्रारंभ हाेकर मध्य मार्च तक रहती है। नवंबर से जनवरी तक निरंतर तापमान गिरता रहता है। और जनवरी माह सबसे अधिक ठंडा रहता है। ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में हिमपात होता है। तथा पर्वतीय शिखर हमेशा हिमाच्छादित रहते हैं।

अधिक ऊंचाई 10000 फीट से ऊपर वाले क्षेत्रों में तापमान सुन्या से भी नीचे चला जाता है। दिसंबर एवं जनवरी में कभी-कभी पाला पड़ता है। तथा सूर्योदय के पहले एवं बाद में दाे-तीन धण्टाें तक काेहरा छाया रहत है।

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