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उत्तराखंड के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान कहाँ कहाँ स्थित हैं?

उत्तराखंड के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान निम्न प्रकार से हैं।

कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान

राष्ट्रीय उद्यान
जीव जंतु

कार्बेट नेशनल पार्क देश का प्रथम और सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है । यह शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में रामनगर नैनीताल से सटा हुआ है। जिम कार्बेट पार्क अपने प्राकृतिक सौंदर्य संपदा तथा वन जीव प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है ।

कार्बेट उद्यान की स्थापना 11 मई 1936 में राज्य के तत्कालीन गवर्नर सर हेली के नाम से हेली नेशनल पार्क के रूप में हुई थी। बाद में इसका नाम रामगंगा नेशनल पार्क हो गया। फिर यहां पर शिकारी तथा कुमाऊ के वन्य जीव को बजाने के लिए जिम कार्बोनेट की स्मृति मैं इस पार्क का नाम कार्बेट नेशनल पार्क कर दिया गया।

यह पार्क 520.82 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है तथा यह पार्क नैनीताल के प्रवेश द्वार पर बनाया गया हैं। तथा यहां पर वृक्ष की किस्म किस्म के प्रजातियां जैसे साल, शीशम, खैर, बांसबांस, आदि वृक्ष पाए जाते हैं। तथा इसे 1 नवंबर 1973 में बाघ परियोजना की शुरुआत की गई। अप्रैल 1973 मैं इसे उत्तराखंड का जिंम कार्बोनेट राष्ट्रीय उद्यान को भारत का पहला बाघ संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया था। फिर यहां पर इस पार्क में शेरों की संख्या में निरंतर वृद्धि कर दी गई।

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फूलों की घाटी

फूलों के किस्म
फूलों के घाटी

फूलों की घाटी उत्तराखंड के जिले के ‘भ्यूण्डार’ गाँव की सीमा पर समुद्र तल से लगभग 3,600 मी० की ऊंचाई पर मनोरमा स्थल फूलों की घाटी है। यह देश विदेश का प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान है। इसे 6 नवंबर 1982 को राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया। फूलों की घाटी मैं हजारों किस्मत के अनोखे फूल हैं।

जिसमें ब्रह्म कमल का प्रमुख फूल है। फेणकमल, काेबरा, लिली, बिच्छू फन, सिन्दूरी लिली फूल प्रमुख है। पुराणों में इस घाटी को नंदन कानन कहा गया है। इस उद्यान का मुख्यालय जोशीमठ में है। इस क्षेत्र को विश्वा ज्ञाती प्रदान करने का श्रेय फ्रैंक एस स्मिथ काे जाता हैं। सन 1931 में फ्रेंक एस० स्मिथ ने ‘वैली आँफ फ्लावर्स’ नामक पुस्तक में यहाँ का वर्णन किया था।

गोविंद राष्ट्रीय उद्यान

गोविंदा राष्ट्रीय पार्क उत्तरकाशी में स्थित है राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, देहरादून से उद्यान का संचालन होता है। यहां पर भूरा, भालू, कस्तूरी, मृग, हिम तेंदुआ, तथा मोनाल, काेकलास, आदि पशु पक्षी काे रखा जाता है। इसका क्षेत्रफल 472 वर्ग किमी तक है। देवदार बांस भोजपत्र आदि पर्वतीय वनस्पति यहां देखने को मिलती है इसकी स्थापना 1990 मैं की गई थी।

राजाजी नेशनल पार्क

राष्ट्रीय उद्यान
बाघ

राजाजी नेशनल पार्क की स्थापना 1983 मैं तीन अभियारण्याें- मोतीचूर पीला व राजाजी काे मिलाकर की गयी थी। यह पार्क 820 वर्ग किलोमीटर मैं विस्तृत है। हरिद्वार देहरादून के मध्य धाैलखण्ड में फैले इस पार्क का नाम स्व०राजीव गाँधी की पहल पर भारत के अंतिम गवर्नर सी राजगोपालाचारी के पर रखा गया है।

राजाजी पार्क का कुल क्षेत्रफल 826 किलोमीटर है पार्क का मुख्यालय देहरादून मैं है। तथा इस पार्क में हाथी, बाघ, चीता, हिरण, आदि के संरक्षण हेतु स्थापित किया गया है। इस पार्क में पक्षियों की 313 प्रजातियां हैं। और पार्क के अंदर 10 विश्राम गृह बने हैं यहाँ आवासीय सुविधा है।

नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान

नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान चमोली जिले में स्थित है। इस उद्यान की स्थापना सन1982 में की गयी थी। वन्य जीव को संरक्षण देने व पर्यटकों की संख्या काे देखते हुए सन् 1992 में इसे नेशनल पार्क बनाया गया। यह पार्क ऊंचे पहाड़ों के मध्य स्थित है। रेखा तथा वृक्ष रेखा के मध्य अल्पाइन घास के मैदान पाए जाते हैं तथा इसका मुख्यालय जोशीमठ में है। तथा यहां पर वन्य जीव प्रजातियों में बाघ, हिम तेंदुआ, भूरा भालू अदि जंतु जीव पाए जाते हैं। तथा यहां पर विभिन्न प्रकार की वनस्पति प्रजातियां देवदार नीलापाइन, बॉस, बुराँस, मोरू, खसु, आदि प्रमुख हैं।

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