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ऊर्जा संरक्षण क्यों आवश्यक है? | Urja sanrakshan

किसी भी देश की आंतरिक, आर्थिक विकास एवं जीवन स्तर में वृद्धि के लिए ऊर्जा के संसाधनों का संरक्षण किया जाना वहुत जरूरी होता है। शक्ति उआ ऊर्जा के साधनों से योगिता (ability to power) प्राप्त करना और उनका मितव्ययिता (frugality) से सही उपयोग करने को संसाधन संरक्षण कहते है। भारत जैसे देश में ऊर्जा संसाधनों की उपलब्धता, संचित राशि उनका उपयोग और भावी संभावनाओं को देखते हुए उनका संरक्षण किया जाना नितांत आवश्यक है।

ऊर्जा संरक्षण का अर्थ | urja sanrakshan kya hai

ऊर्जा संरक्षण का सही अर्थ है ऊर्जा के अनावश्यक उपयोग को कम करके ऊर्जा की बचत करना है। कुशलता से ऊर्जा का उपयोग (energy use) भविष्य में उपयोग के लिए इसे बचाने के लिए बहुत बहुत ज्यादा आवश्यक पड़ती जा रही है। ओर ऊर्जा संरक्षण अधिक प्रभावशाली परिणाम प्राप्त करने के लिए हर इंसान ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक होना चाहिए। ऊर्जा उपयोगकर्ताओं को ऊर्जा की खपत को कम (reduce energy consumption) करने के साथ ही कुशल ऊर्जा संरक्षण के लिए जागरूक (aware of efficient energy conservation) करने के उद्देश्य से विभिन्न देशों की सरकारों नें ऊर्जा और कार्बन के उपयोग पर कर लगा रखे हैं।

ऊर्जा संरक्षण क्यों आवश्यक है Urja sanrakshan
ऊर्जा संरक्षण क्यों आवश्यक है Urja sanrakshan

इस आरक्षण के लिए निम्नलिखित कारण उत्तरदाई रहे है-

  1. भारत में सौर ऊर्जा संसाधनों के भंडार (reserves of solar energy resources) अत्यंत सीमित हैं। अतः उनका उपयोग आवश्यक कार्यों में ही किया जाना चाहिए।
  2. कृषि उद्योग एवं परिवहन साधनों और घरेलू कार्यों में ऊर्जा की मांग निरंतर बढ़ रही है। अतः वैज्ञानिकों को नई प्रौद्योगिकी और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की खोज करनी चाहिए।
  3. यद्यपि ऊर्जा के वैकल्पिक एवं संस्थापन साधनों के वैज्ञानिक प्रयास किए गए हैं परंतु अभी कोई कारगर उपाय हाथ नहीं आया है।

ऊर्जा के सही उपयोग की पांच उपाय

  1. सभी नागरिकों को सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का अधिक से अधिक और निजी वाहनों का कम से कम उपयोग करना चाहिए। इससे पेट्रोल, डीजल आदि की पर्याप्त बचत संभव होगी।
  2. घरेलू ऊर्जा की अधिकाधिक बचत के प्रयास करने चाहिए। जब आवश्यकता ना हो तो बिजली के उपकरण बंद रखनी चाहिए। आवश्यकता होने पर ही ऊर्जा का उपयोग किया जाना चाहिए।
  3. ऊर्जा की बचत के उपाय अपनाने चाहिए। वैकल्पिक स्रोत इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। बाजार अथवा अल्प दूरी के लिए कार,स्कूटर बाइक के स्थान पर साइकिल को प्रयोग में लाया जा सकता है।
  4. घरेलू विद्युत उपकरणों की नियमित जांच कराते रहना चाहिए।यही प्रक्रिया कल कारखानों तथा अन्य यांत्रिक उपकरणों के रखरखाव के संबंध में अपनाएं जानी चाहिए।
  5. ऊर्जा के परंपरागत स्रोत अनव्यकणीय होते हैं। अतः ऊर्जा के गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों का ही अधिकाधिक उपयोग किया जाना चाहिए।

ऊर्जा संरक्षण क्या है और इसका महत्व क्या है?

ऊर्जा संरक्षण जलवायु परिवर्तन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह अक्षय ऊर्जा के साथ गैर-नवीकरणीय संसाधनों के प्रतिस्थापन में मदद करता है। ऊर्जा संरक्षण अक्सर ऊर्जा की कमी का सबसे सस्ता समाधान होता है, और यह ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि के लिए पर्यावरण की दृष्टि से अधिक अच्छा विकल्प है।

ऊर्जा संरक्षण और लेखा परीक्षा क्या है?

एनर्जी ऑडिट यह निर्धारित करने की एक प्रक्रिया है कि किसी संयंत्र या भवन में कब, कहां, क्यों और कैसे ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। इस जानकारी का संग्रह उस स्थिति की पहचान करने में मदद करता है जहां ऊर्जा दक्षता में सुधार और उत्पादन लागत में कमी की आवश्यकता होती है।
एक छात्र ऊर्जा का संरक्षण कैसे कर सकता है?

कॉलेज के छात्रों के लिए ऊर्जा बचत युक्तियाँ

अपनी लाइट बंद करें।
अपने इलेक्ट्रॉनिक्स को अनप्लग करें।
प्रोग्राम करने योग्य थर्मोस्टेट में निवेश करें।
शॉवर में ज़्यादा देर तक न नहाएं।
बुद्धिमानी से धो लें।
अपने लाभ के लिए तत्वों का उपयोग करें।
भोजन की तैयारी और थोक में पकाना।
एक धीमी कुकर प्राप्त करें।

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