नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे तारे क्यों टिमटिमाते हैं और तारों की मुख्य विशेषताएं और तारे कब टूटते हैं। और तारे की स्पीड कितनी होती है।और आपको हम इस लेख में पूरी जानकारी देने वाले हैं तो चलिए जानते हैं, तारे क्यों टिमटिमाते हैं?
जो हमारी पृथ्वी है उसके वायुमंडल के प्रभाव के कारण रात में तारों का टिमटिमाना प्रतीत होता है। तारों से आने वाले प्रकाश का वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण तारे टिमटिमाते हुए प्रतीत होते है। अर्थात जब तारों का प्रकाश वायुमंडल में प्रवेश करता है तो यह वातावरण में हवाओं और विभिन्न तापमान और घनत्व वाले क्षेत्रों से प्रवाहित होता है। इसलिए हमें तारों के प्रकाश को जमीन से देखने पर तारे टिमटिमाते हुए दिखाई देते हैं।

तारों के मुख्य विशेषताएं
- तारों का तापमान – जब प्रकाश मंडल में किसी तारे की चमकदार सतह तापमान 50.0000 -3.000k की सीमा में होता है और इसका तापमान लाखों कल्विन तक पहुंच जाता है।
- तारों का रंग – जब तारों का तापमान कम होता है तो तब सारे तारे लाल रंग के दिखाई देते हैं। जब तापमान अधिक होता है तब सारे तारे नारंगी पीले व सफेद रंग के दिखाई देते हैं।
तारे कब टूटते हैं ?
जब हमारे सौरमंडल में लाखों उल्कापिंड या गैस के गोले हमारे सौरमंडल में घूमते घूमते पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते है तब वे जलकर बिखर जातें है हम लोग इस घटनाक्रम को तारा टूटना कहते है ।
तारे की स्पीड कितनी होती है ?
जब सौरमंडल में उल्का पिंड धरती के वायुमंडल में पहुंचती है तो उनकी गति 72000 किलोमीटर प्रति घंटा तक रहती है। यह टूटे तारे की स्पीड है।