
सौर ऊर्जा (solar energy) किसे कहते हैं?
सौर ऊर्जा (solar energy)-
सौर ऊर्जा एक अपारम्परिक ऊर्जा का स्त्रोत है। यह सूर्य की किरणों से प्राप्त होती है। सूर्य में उत्पन्न होने वाली ऊर्जा अत्यधिक तापक्रम पर घटित होने वाली नाभिकीय प्रक्रिया के कारण होती है। ग्रीस के गणितज्ञ आर्किडमीज को सबसे पहले सौर ऊर्जा के उपयोग का श्रेय दिया जाता है। उसने 212 BC में अपने सौर संग्रहकों से, रोमन सैनिकों को जला देने के लिए उन पर सूर्य के प्रकाश का बहुत संक्षिप्त बम फेंका था।

सौर ऊर्जा एक ऐसी ऊर्जा है जिसके उत्पादन तथा उपयोग में न तो कोई ईंधन खर्च होता है और न ही इससे किसी प्रकार का प्रदूषण फैलता है। यह ऊर्जा विश्व के सभी भागों में उपलब्ध है। यह ऊर्जा फोटोसिन्थैसिस तथा ग्रीन हाउस प्रभाव से पृथ्वी पर पर्यावरण सन्तुलन बनाए रखने में भी सहायता करती है। सौर ऊर्जा से यह अनुमान लगाया गया है।
कि सूर्य द्वारा पृथ्वी पर भेजी जा रही ऊर्जा, सम्पूर्ण विश्व की ऊर्जा की कुल आवश्यकताओं का लगभग 3100 गुना है। इस तथ्य से स्पष्ट है कि यदि सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाए तो ऊर्जा के भण्डार कभी समाप्त नहीं होंगे तथा प्रदूषण की समस्या का समाधान स्वतः ही हो जाएगा। पारम्परिक ईंधनों के सीमित भण्डार होने के कारण सौर ऊर्जा व अन्य अपारम्परिक ऊर्जा के साधनों पर अधिक से अधिक निर्भर रहना होगा।
सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करने की विधियां (Methods to Obtain Energy from Sun)-
- प्रकाशीय रसायन विधि
- तापीय प्रभाव
- प्रकाश वोल्टीय तकनीक
प्रकाशीय रसायन विधि (Photochemical Methods) –
इस विधि से सूर्य का प्रकाश रसायन ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है। सम्पूर्ण वनस्पति प्रकाश संश्लेषण विधि द्वारा ही क्लोरोफिल की उपस्थिति में Co, व जल को मिलाकर शर्करा व कार्बोहाइड्रेट्स बनाते हैं। यह पदार्थ नाइट्रोजन तथा अन्य पदार्थों से मिलकर सम्पूर्ण विश्व के लिए भोजन एवं विभिन्न प्रकार के जैविक ऊर्जा स्त्रोत उत्पन्न करते हैं। इस विधि की कार्यक्षमता 1% अर्थात् बहुत कम है।
तापीय प्रभाव (Thermal Effect) –
तापीय प्रभाव से सूर्य की गर्मी को कुछ ऊर्जा उपयोगी यंत्र से संग्रहित कर उपयोग में लाया जा सकता है। इस उपयोग से हम खाना बना सकते हैं तथा साथ ही शीतल या गर्म करने हेतु यंत्र बना सकते हैं।
इन्हें भी पढ़ें:- भूतापीय ऊर्जा के फायदे और नुकसान | Bhu tapiya urja ke fayde nuksan
प्रकाश वोल्टीय तकनीक (Photovoltaic Technique) –
इस विधि द्वारा सूर्य की किरणों को सीधे ही बिजली में परिवर्तित किया जाता है। इस उत्पन्न बिजली को फिर अन्य आवश्यकताओं में काम लिया जा सकता है। इस तकनीकी में सौर सैल काम में आते हैं।
प्रश्न ओर उत्तर (FAQ)
सौर ऊर्जा किसे कहते हैं?
सौर ऊर्जा एक अपारम्परिक ऊर्जा का स्त्रोत है। यह सूर्य की किरणों से प्राप्त होती है। सूर्य में उत्पन्न होने वाली ऊर्जा अत्यधिक तापक्रम पर घटित होने वाली नाभिकीय प्रक्रिया के कारण होती है। ग्रीस के गणितज्ञ आर्किडमीज को सबसे पहले सौर ऊर्जा के उपयोग का श्रेय दिया जाता है। उसने 212 BC में अपने सौर संग्रहकों से, रोमन सैनिकों को जला देने के लिए उन पर सूर्य के प्रकाश का बहुत संक्षिप्त बम फेंका था।
सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करने की विधियां बताइए ।
प्रकाशीय रसायन विधि
तापीय प्रभाव
प्रकाश वोल्टीय तकनीक
Read more – पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem ) में सामुदायिक संबंध।
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