Hubstd.in

Big Study Platform

  • Home
  • /
  • Other
  • /
  • साहस का अर्थ | विशेषताएँ | आवश्यकता तथा उद्देश्य
No ratings yet.

साहस का अर्थ | विशेषताएँ | आवश्यकता तथा उद्देश्य

साहस दो या दो से अधिक व्यक्तियों की अस्थायी साझेदारी होती है जो किसी विशेष कार्य को निष्पादित कर, माने के उद्देश्य से स्थापित की जाती है तथा जैसे ही यह विशेष कार्य समाप्त होता है तो यह साझेदारी भी समाप्त हो है।

संयुक्त साहस को संयुक्त व्यापार (Joint Trade) या संयुक्त साहसी कार्य (Joint Adventure) के नाम से भी जाना है। संयुक्त साहस के साझेदार सह-साहसी (Co-venturer) कहलाते हैं। सभी साझेदार एक निश्चित अनुपात में धन का करते हैं तथा लाभ-हानि का बँटवारा भी पूर्व निश्चित अनुपात में करते हैं। संयुक्त साहस में साझेदारी संस्था की तरह का नाम नहीं होता है।

संयुक्त साहस की विशेषताएँ (Characteristics of a Joint Venture)

  • संयुक्त साहस में कम से कम दो व्यक्ति अवश्य होने चाहिए।
  • संयुक्त साहस के पक्षकार सह-साहसी अथवा संयुक्त साहसी कहलाते हैं।
  • सह-साहसियों के मध्य अनुबन्ध होना चाहिए।
  • संयुक्त साहसी संयुक्त साहस में कोष अथवा अपने व्यवसाय से माल की पूर्ति करते हैं।
  • संयुक्त साहस विशेष कार्य को निष्पादित करने के लिए स्थापित की जानी चाहिए।
  • संयुक्त साहस विशेष कार्य के पूरा होने पर स्वयं ही समाप्त हो जाना चाहिए अर्थात् यह अस्थायी साझेदारी होनी चाहिए।

संयुक्त साहस की आवश्यकता तथा उद्देश्य (Need and Objectives of a Joint Venture)

संयुक्त साहस का गठन उन व्यक्तियों के बीच होता है जिन्हें विशेष सुविधाएँ प्राप्त हैं। उदाहरण के लिए एक व्यक्ति किसी समय माल सस्ता खरीदने की स्थिति में है, दूसरा व्यक्ति माल को अधिक मूल्य में बेचने की स्थिति में है तथा तीसरा व्यक्ति इस कार्य के लिए घन देने की स्थिति में है।

साहस एक जज्बा है। एक अंदरूनी शक्ति है। जिसके बलपर इंसान अपनी शक्ति को सिद्ध कर सकता है। आज हमारे सामने अनेकों उदाहरण है, जिन्हें देखकर लगता है, कि ऐसा भी हो सकता है। कुल मिलाकर जीवन की महत्वपूर्ण भूमिका है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

downlaod app