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प्राकृतिक संसाधन की परिभाषा | महत्व | आवश्यकता?

प्राकृतिक संसाधन पृथ्वी से प्राप्त सामग्री हैं जिनका उपयोग जीवन का समर्थन करने और लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाता है। मनुष्य द्वारा उपयोग किए जाने वाले किसी भी प्राकृतिक पदार्थ को प्राकृतिक संसाधन माना जा सकता है। तेल, कोयला, प्राकृतिक गैस, धातु, पत्थर और रेत प्राकृतिक संसाधन हैं। अन्य प्राकृतिक संसाधन हवा, धूप, मिट्टी और पानी हैं।

प्राकृतिक संसाधन की परिभाषा? | prakritik sansadhan ki paribhasha

प्राकृतिक संसाधन वे संसाधन हैं जो मानव जाति के कार्यों के बिना मौजूद हैं। … पृथ्वी में सूर्य के प्रकाश, वायुमंडल, जल, थल (सभी खनिजों सहित) के साथ साथ सारे सब्जियों, फसल और पशुओं के जीवन से प्राकृतिक रूप से प्राप्त पदार्थ आदि प्राकृतिक संसाधनों के सूची में शामिल हैं। के सूची में शामिल हैं।

प्राकृतिक संसाधन की परिभाषा | महत्व | आवश्यकता?
प्राकृतिक संसाधन की परिभाषा | महत्व | आवश्यकता?

प्राकृतिक संसाधन का महत्व? |prakritik sansadhan ka mahatva

प्राकृतिक संसाधन प्रकृति द्वारा प्रदत वह संपदा है जिससे मानव और विभिन्न जीव जंतु अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं इनके महत्व को विभिन्न रूपों में निम्नलिखित प्रकार से वर्णित किया जा सकता है।

  1. इनका वितरण एवं उपयोग पृथ्वी पर असमान रूप से पाया जाता है। मानव इनका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों से करता है।
  2. संसाधनों के उपयोग और मात्रा के आधार पर उनका मूल्य निर्धारित होता है।इसलिए कुछ संसाधन दुर्लभ होने के कारण अधिक मूल्यवान होते हैं।
  3. बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण इनका दोहन अधिक मात्रा में होने लगा है। इसलिए कुछ संसाधन समाप्ति के निकट पहुंच गई हैं।
  4. प्रकृति द्वारा प्रदत कुछ संसाधन ऐसे होते हैं जिनको पूर्व निर्मित नहीं किया जा सकता तथा उन के अभाव में जीवन समाप्त हो जाता है, जैसे-जल, हवा, मृदा, सूर्य प्रकाश आदि ऐसे ही संसाधन है।
  5. संसाधनों की अधिकता और अधिकता किसी देश की समृद्धि और विकास का मापदंड होती है।
  6. संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग ने पर्यावरण ह्रास की समस्या को उत्पन्न कर दिया है, अतः उनका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।

प्राकृतिक संसाधनों की आवश्यकता? | prakritik sansadhan ki avashyakta

  1. संसाधन जीवन का आधार है-जल, भोजन, इंदन, अन्य आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति प्राकृतिक संसाधनों द्वारा ही होती है।
  2. विभिन्न प्रकार के व्यापार, उद्योग और कृषि व्यवसाय का आधार यही प्राकृतिक संसाधन है।
  3. विभिन्न पदार्थों की मूल्यवृद्धि और उपयोगिता में निखार लाने के लिए संसाधनों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। मनोरंजन और दैनिक जीवन की अनेक वस्तुओं की पूर्ति संसाधन द्वारा ही होती है।
  4. शक्ति और खनिज के सभी शुरू संसाधनों से ही प्राप्त होते हैं जीवन के लिए आवास सजावट व कलात्मक वस्तुएं और जीवन के विभिन्न भौतिक सुखों की प्राप्ति संसाधनों पर ही निर्भर है।

उपयुक्त विवरण से स्पष्ट है की प्राकृतिक संसाधन मनुष्य एवं अन्य जीव जगत के लिए अत्यंत उपयोगी और महत्वपूर्ण है। अतः यह हम पर निर्भर है कि हम इनका उपयोग करें या इनका विनाश करें। किंतु यह सत्य है कि प्राकृतिक संसाधन जीवन को चलाने के लिए आवश्यक तंत्र के क्रियाशील अवयव है।

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