पर्यावरण किसे कहते है? | अर्थ | परिभाषा | प्रकार
पर्यावरण यानी एनवायरमेंट शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच शब्द एनवायरोनर से हुई है जिसका अर्थ है-पड़ोस। पर्यावरण हमारे जीवन का मूल आधार है।यह हमारे सांस लेने के लिए हवा, पीने के लिए जल खाने के लिए भोजन एवं रहने के लिए भूमि प्रदान करता है।
पर्यावरण का अर्थ क्या है?
पर्यावरण दो सब्दो से बना है “परि” + “आवरण“। “परि” जो हमारे चारों ओर है। “आवरण” जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। एक पर्यावरण वह सब कुछ है। हमारे आसपास के आवरण को पर्यावरण कहते हैं।
पर्यावरण की परिभाषा?
पर्यावरण सभी जीवित या जैविक तत्व, मिट्टी, पानी, पशु, पौधे, वन, मत्स्य और पक्षी हैं। निर्जीव या जिसमेअजैविक तत्वों में जल, भूमि, धूप, चट्टानें और हवा शामिल हैं। यह प्रकृति का उपहार है।
पर्यावरण के प्रकार
पर्यावरण निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं।
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- प्राकृतिक पर्यावरण
- मानवीय पर्यावरण
प्राकृतिक पर्यावरण किसे कहते है?
भूमि, जल, वायु, पेड़ पौधे एवं जीव जंतु मिलकर प्राकृतिक पर्यावरण बनाते हैं। स्थलमंडल, जलमंडल, वायुमंडल एवं जैव मंडल से आप पहले से ही परिचित होंगे। पृथ्वी की ठोस या कठोर ऊपरी परत को स्थलमंडल कहते हैं। यह चट्टानों एवं खनिजों से बना होता है एवं मिट्टी की पतली परत से ढका होता है।
यह पहाड़, पठार, मैदान में घाटी आदि जैसे विभिन्न स्थल आकृतियों वाला विषम धरातल होता है। स्थलमंडल वह क्षेत्र है जो हमें कृषि एवं मानव बस्तियों के लिए भूमि पशुओं को चढ़ने के लिए घास स्थल प्रदान करता है या खनिज संपदा का भी एक स्रोत है।
पृथ्वी के चारों ओर फैली बाई की पतली परत को वायुमंडल कहते हैं। पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल अपने चारों और के वायुमंडल को था में रहता है। यह सूर्य की झुलसने वाली गर्मी एवं हानिकारक किरणों से हमारी रक्षा करता है।
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मानवीय पर्यावरण किसे कहते है?
मानव अपने पर्यावरण के साथ पारस्परिक क्रिया करता है और उसमें अपनी आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन करता है। प्रारंभिक मानव ने स्वयं को प्रकृति के अनुरूप बना लिया था। उनका जीवन सरल था एवं आसपास की प्रकृति से उनकी आवश्यकताएं पूरी हो जाती थी। समय के साथ कई प्रकार की आवश्यकताएं बड़ी मानव ने पर्यावरण के उपयोग और उसमें परिवर्तन करने के कई तरीके सीख लिए।
फसल उगाना पशुपालन एवं स्थाई जीवन जीवन सीख लिया पहिए का आविष्कार हुआ आवश्यकता से अधिक उप जाया गया। वस्तु विनिमय पद्धति का विकास हुआ व्यापार आरंभ हुआ एवं वाणिज्य का विकास हुआ। औद्योगिक क्रांति से बड़े पैमाने पर उत्पादन प्रारंभ हो गया परिवहन तेज गति से प्रारंभ हुआ सूचना क्रांति से पूरे विश्व में संचार सहज हो गया।
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