प्रदूषण का स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता हैं?
वायु प्रदूषण का मानव जीवन पर प्रभाव-
वायु-प्रदूषण का मानव के स्वास्थ्य पर गम्भीर प्रभाव पड़ता है सल्फरडाइ-ऑक्साइड से फेफड़ों के रोग , कैडमियम जैसे पदार्थों से हृदय रोग, कार्बनमोनो ऑक्साइड से कैंसर, श्वास आदि अनेक रोगों का कारण वायु-प्रदूषण हो सकता है। आँखों में, श्वसन मार्ग व गले से जलन आदि तो वायु-प्रदूषण द्वारा उत्पन्न साधारण प्रकार के रोग हैं।

कुछ पदार्थ पर्यावरण में आने पर अन्य पदार्थों से क्रिया करके इस प्रकार के विषैले पदार्थ बना लेते हैं जो स्वास्थ्य पर अत्यधिक हानिकारक प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के लिए स्वचालित निर्वातक में निकलने वाले अदग्ध हाइड्रोकार्बन तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड सूर्य के प्रकाश में प्रतिक्रिया कर लेते हैं तथा प्रकाश संश्लेषी स्मॉग का निर्माण करते हैं। इनमें पैरॉक्सी एसीटिल नाइट्रेट एवं ओजोन होते हैं। इस प्रकार बनने वाले पदार्थ विषैले होते हैं। पैरॉक्सी एसीटिल नाइट्रेट का प्रभाव विशेष रूप से मनुष्य की आँखों तथा श्वास नली पर पड़ता है।
जल प्रदूषण का प्रभाव-
जल – प्रदूषण का जन-जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे हैजा, टाइफॉयड, पेचिश व पोलियो जैसे रोग फैलते हुए महामारी का रूप धारण कर लेते हैं। प्रदूषित जल के जीवाणु मानव शरीर में प्रवेश कर जाते जलभण्डारों में जलीय जीवों के नष्ट होने से खाद्य पदार्थों की हानि होती है।
बड़ी संख्या में मछलियाँ नष्ट हो जाती हैं तथा आर्थिक समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। जलीय पौधों आदि के नष्ट होने से पर्यावरण के नितान्त आवश्यक पदार्थ; जैसे -ऑक्सीजन आदि की कमी होने लगती है। इस प्रकार पर्यावरण के विनष्ट होने से सम्पूर्ण पारिस्थितिक तन्त्र ही असन्तुलित हो जाता है। नि:सन्देह जल प्रदूषण मानव जीवन को व्यापक रूप से प्रभावित करता है।
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मृदा प्रदूषण का प्रभाव –
जीवन के सभी खाद्य पदार्थ मिट्टी में ही उत्पन्न होते हैं किन्तु जब अपशिष्ट पदार्थ मिट्टी में सम्मिलित हो जाते हैं तो मिट्टी कृषि उत्पादन के योग्य नहीं रहती। इसलिए उस क्षेत्र में खाद्य पदार्थों का अकाल उत्पन्न हो जाता है; अतः जन-सामान्य कुपोषण या खाद्य पदार्थों के संकट से प्रभावित होने लगता है जिसका स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न ओर उत्तर (FAQ)
वायु प्रदूषण का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
वायु-प्रदूषण का मानव के स्वास्थ्य पर गम्भीर प्रभाव पड़ता है सल्फरडाइ-ऑक्साइड से फेफड़ों के रोग , कैडमियम जैसे पदार्थों से हृदय रोग, कार्बनमोनो ऑक्साइड से कैंसर, श्वास आदि अनेक रोगों का कारण वायु-प्रदूषण हो सकता है। आँखों में, श्वसन मार्ग व गले से जलन आदि तो वायु-प्रदूषण द्वारा उत्पन्न साधारण प्रकार के रोग हैं।
जल प्रदूषण का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
जल – प्रदूषण का जन-जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे हैजा, टाइफॉयड, पेचिश व पोलियो जैसे रोग फैलते हुए महामारी का रूप धारण कर लेते हैं। प्रदूषित जल के जीवाणु मानव शरीर में प्रवेश कर जाते जलभण्डारों में जलीय जीवों के नष्ट होने से खाद्य पदार्थों की हानि होती है।
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