मृदा अपरदन किसे कहते है?
प्राकृतिक कारक जैसे जल तथा वायु मृदा की ऊपरी परत को हटाने के लिए उत्तरदाई होते हैं। इस प्रकरण को मृदा अपरदन ( soil erosion) कहते हैं।
मृदा अपरदन के कारण
- तीव्र वर्षा मिट्टी की अनावृत ऊपरी परत को बहा ले जाती हैं।
- मनुष्य के क्रियाकलापों से मृदा अपरदन होता है। मनुष्य द्वारा बढ़ते आवासों तथा शहरी क्षेत्रों के विकास से बहुत बड़े क्षेत्र वनस्पति हीन हो गये है। वनस्पति का आवरण हट जाने से नग्न भूमि पर वालों तथा जल का सीधा प्रभाव पड़ता है। इससे मृदा अपरदन होता है।
- धूल भरी आंधी से भी मृदा अपरदन होता है।
- भूमि की त्रुटिपूर्ण जुताई से भी मृदा अपरदन होता है।
मृदा अपरदन के प्रभाव-
- मृदा अपरदन ( Soil erosion ) से हरे जंगल मरुस्थल में बदल जाते हैं जिससे पर्यावरण संतुलन ( environmental balance ) बिगड़ जाता है।
- इससे फसल (Crop) ठीक प्रकार से नहीं होती है जिससे भोजन की कमी हो सकती है।
- पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन से भूस्खलन (Landslides due to soil erosion in hilly areas) हो सकता है।
- इससे भूमि जल धारण नहीं कर सकती है। पानी के तीव्रता से नदियों में बह जाने से बाढ़ आ सकती है। इससे जान-माल का नुकसान हो सकता है।
मृदा अपरदन रोकने के उपाय-
- वृक्षारोपण तथा घास उगाकर।
- सघन खेती तथा भाव के लिए ठीक नालिया बनाकर।
- डलवा स्थानों पर सीडी नुमा खेत बनाने से जल बहाव की गति कम हो जाती है।
अपरदन/क्षरण क्या है?
पानी, हवा और बर्फ जैसी ताकतों द्वारा भूमि का क्षरण होता है। कटाव ने पर्वत चोटियों, घाटियों और समुद्र तटों सहित पृथ्वी की सतह की कई दिलचस्प विशेषताओं को बनाने में मदद की है।
अपरदन क्या है और उदाहरण ?
कटाव, पृथ्वी की पपड़ी से सतह सामग्री को हटाना, मुख्य रूप से मिट्टी और चट्टान का मलबा, और प्राकृतिक एजेंसियों (जैसे पानी या हवा) द्वारा नष्ट सामग्री को हटाने के स्थान से परिवहन करना। कटाव। संबंधित विषय: अपक्षय संरचनात्मक भू-आकृति अपस्फीति हिमनदों का परिमार्जन हिमनद उत्खनन।