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मीटर सेतु का सिद्धांत क्या है? | meter setu ka siddhant kya hai

मीटर सेतु-

किसी चालक (conductor ) का प्रतिरोध ज्ञात करने के लिए व्हीटस्टोन-सेतु के सिद्धांत (Wheatstone bridge’s principle) पर आधारित मीटर सेतु एक सुग्राही यंत्र (sensory device) है। इनकी संवेदनशीलता पोस्ट ऑफिस बॉक्स की अपेक्षा बहुत अधिक होती है।

AC, 1 मीटर लंबा मैंगनिन अथवा कांसटैन्टन का एक तार है जो एक लकड़ी के आधार पर पैमाने के सहारे कसा हुआ है। तार के अनुप्रस्थ काट सब जगह एक समान है। धार के सिरे A व C दो L के आकार में मुड़ी हुई तांबे की पत्तियों से जुड़े है जिनके सिरो पर संबंधक पेंच लगे हैं।

इन पत्तियों के बीच में, दोनों और कुछ रिक्त स्थान छोड़कर एक तीसरी तांबे की पत्ती है जिस पर तीन संबंधक पेंच लगे रहते हैं। बीच वाले पेंच D को एक शन्टयुक्त धारामापी G से छोड़कर सर्पी कुंजी ( Sliding jockey ) B से जोड़ देते हैं जिनकी नोंक को तार पर खासका कर कहीं भी स्पर्श करा सकते हैं।

मीटर सेतु का सिद्धांत क्या है (12th, Physics, Lesson-4)
मीटर सेतु का सिद्धांत क्या है (12th, Physics, Lesson-4)

प्रयोग विधि (Practical method)

जिस तार का प्रतिरोध (S) ज्ञात करना होता है, उसे बिंदुओं C और D के बीच के रिक्त स्थान में, तथा एक प्रतिरोध ( Resistance ) बॉक्स A वह B के बीच के रिक्त स्थान में लगा देते हैं। A वह C के बीच एक सैल, धारा नियंत्रक तथा कुंजी K संबंधक पेंचो के द्वारा जोड़ देते हैं। प्रयोग में जब सर्पी कुंजी, सेतु के तार AC को किसी बिंदु B पर छूती है तो तार दो भागों में बट जाता है। यह दो भाग AB तथा BC, व्हीटस्टोन सेतु के P तथा Q प्रतिरोधों का कार्य करते हैं।

सबसे पहले प्रतिरोध बॉक्स में से कोई प्रतिरोध R निकालते हैं तथा कुंजी K को बंद कर देते हैं। अब सर्पी कुंजी को तार के सहारे खिसका कर ऐसी स्थिति प्राप्त करते हैं कि कुंजी को तार पर दबाने से धारामापी G में कोई विक्षेप उत्पन्न ना हो। इस स्थिति में बिंदु B व D एक ही विभव पर है तथा बिंदु B को शून्य विक्षेप स्थिति कहते हैं। तार के दोनों AB व BC भागों की लंबाई पैमाने पर पढ़ लेते हैं।

माना तार की AB लंबाई का प्रतिरोध P लंबाई BC का प्रतिरोध ( Resistance ) Q है। तब सेतु के सिद्धांत से व्हीटस्टोन सेतु के सिद्धांत से

R, प्रतिरोध ( Resistance ) बॉक्स से निकाला गया प्रतिरोध है तथा l,AB की लंबाई को प्रदर्शित करता है। अतः इस सूत्र से प्रतिरोध S का मान ज्ञात कर सकते हैं।

प्रतिरोध ( Resistance ) बॉक्स से भिन्न भिन्न प्रतिरोध निकालकर कई प्रेक्षण लिए जाते हैं तथा प्रत्येक परीक्षण के लिए S का मान ज्ञात करते हैं।

इसके पश्चात अज्ञात प्रतिरोध S तथा प्रतिरोध बॉक्स के स्थानों को आपस में बदल कर प्रयोग को दोहराते हैं। गाना मैं दोनों बार के प्रयोगों से प्राप्त S कै मानो का माध्य ज्ञात करते हैं।

मीटर सेतु क्या है?

मीटर सेतु एक विद्युत उपकरण है जो धातु के तार के अज्ञात प्रतिरोध के मूल्य को निर्धारित करने में मदद करता है। पूरा स्टेप बाय स्टेप उत्तर: मीटर सेतु, व्हीटस्टोन सेतु के सिद्धांत पर काम करता है। व्हीटस्टोन सेतु एक विद्युत नेटवर्क है जिसका उपयोग अज्ञात प्रतिरोध के मूल्य की गणना के लिए किया जाता है

मीटर सेतु का सूत्र क्या है?

ρ=Lπr2X ; जहाँ L तार की लंबाई हो और r इसकी त्रिज्या हो।

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