हरित क्रांति से आप क्या समझते हैं? | Harit kranti kya hai
हरित क्रांति एक ऐसी अवधि थी जो 1960 के दशक में शुरू हुई थी, जिसके दौरान भारत में कृषि को आधुनिक औद्योगिक प्रणाली में परिवर्तित कर दिया गया था, जैसे कि उच्च उपज वाली किस्म (HYV) के बीज, मशीनीकृत कृषि उपकरण, सिंचाई सुविधाएं, कीटनाशकों का उपयोग। और उर्वरक।
1960-61 से 1968-69 की अवधि देश के कृषि इतिहास में अपना महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है। इस अवधि में हमने कृषि क्षेत्र में विफलता और भविष्य की उज्ज्वल आशाओं के साथ अत्यधिक सफलता, दोनों का ही अनुभव प्राप्त किया है। इस अवधि में भारतीय कृषक की विचारधारा में आधारभूत परिवर्तन हुआ है।
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हरित क्रांति क्या है? | हरित क्रान्ति से आशय
साधारण शब्दों में हरित क्रान्ति से हमारा आशय सिंचित और असिंचित कृषि – क्षेत्रों में अधिक उपज देने वाली किस्मों को आधुनिक कृषि – पद्धति से उगाकर कृषि – उपज में यथासम्भव अधिक वृद्धि करने से है।
जार्ज हरार ने हरित क्रान्ति के सम्बन्ध में लिखा है , “हरित क्रान्ति शब्द का प्रयोग पिछले दशक में विभिन्न देशों ( जैसे- भारत , फिलीपीन्स , श्रीलंका , पाकिस्तान , थाईलैण्ड इत्यादि ) में खाद्यान्नों के उत्पादन में होने वाली आश्चर्यजनक वृद्धि के लिए किया जाता है इस क्रान्ति का मुख्य आधार नवीन उच्च उत्पादन वाले बीजों का प्रयोग है , जिससे कृषक तीन से चार गुने तक उत्पादन कर सकता है।
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“श्रीमती इन्दिरा गांधी ने हरित क्रान्ति के सम्बन्ध में लिखा है , “हरित क्रान्ति का आशय यह नहीं है कि खेतों में मेडबन्दी करवाकर फावड़े , तगारी , गेंती , हल , बक्खर इत्यादि अन्य उपयोगी कृषि के साधन प्राप्त करके कृषि की जाए , वरन् इन साधनों के प्रयोग से कृषि उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि करना भी है।”
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हरित क्रांति की परिभाषा?
खाद्यान्नों (जैसे चावल और गेहूं) के उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि उच्च उपज देने वाली किस्मों, कीटनाशकों के उपयोग और बेहतर प्रबंधन तकनीकों के कारण हुई है। HYV बीजों की शुरूआत और उर्वरकों, कीटनाशकों और सिंचाई के बढ़ते उपयोग- को सामूहिक रूप से हरित क्रांति के रूप में जाना जाता है।
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हरित क्रांति से जुड़े प्रश्न ओर अत्तर (FAQ)
हरित क्रांति से क्या तात्पर्य है?
साधारण शब्दों में हरित क्रान्ति से हमारा आशय सिंचित और असिंचित कृषि – क्षेत्रों में अधिक उपज देने वाली किस्मों को आधुनिक कृषि – पद्धति से उगाकर कृषि – उपज में यथासम्भव अधिक वृद्धि करने से है।
हरित क्रांति की शुरुआत किसने और क्यों की?
हरित क्रांति का इतिहास और विकास: हरित क्रांति की शुरुआत का श्रेय अक्सर कृषि में रुचि रखने वाले अमेरिकी वैज्ञानिक नॉर्मन बोरलॉग को दिया जाता है। 1940 के दशक में, उन्होंने मेक्सिको में अनुसंधान करना शुरू किया और गेहूं की नई रोग प्रतिरोधक उच्च उपज वाली किस्में विकसित की
विश्व में हरित क्रांति के जनक कौन है?
नॉर्मन बोरलॉग: अमेरिकी प्लांट ब्रीडर, मानवतावादी और नोबेल पुरस्कार विजेता जिन्हें “हरित क्रांति के जनक” के रूप में जाना जाता है।
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