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फूलों की घाटी (Valley of flower) कहां स्थित है?

फूलों की घाटी भारत देश के उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले से गोविंदघाट स्थित हैं। यह समुद्र तल से 10,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है यहां पर यहां किस्म किस्म के फूलों की प्रजातियां पायी जाती हैं। माना जाता है कि यह नंदा देवी राजजात यात्रा का एक भाग माना जाता हैं।

फूलों की घाटी का परिचय

फूलों की घाटी कहा स्थित है
फूलों की घाटी

फूलों की घाटी हिमालय क्षेत्र में बसा एक पवित्र स्थान हैं। जहाँ पर अनेक प्रकार के फूल की पर जातियाँ पाए जाते हैं। जो हिमालय क्षेत्र के 87.5 वर्ग किलाे०मीटर क्षेत्रफल में फैला है़ं। अगर लंबाई कि बात करें ताे इसकी 3 किलो०मीटर के दायरे में फैला है। तथा चौड़ाई आधा किलो०मीटर के ऐरिया पर फूलों से भरा हैं। अगर आप इस घाटी को देखने आओगे ताे आपको ऐसा महसूस हाेगा की हम स्वर्ग से अधिक सुन्दर नगरी आ गयें। माना जाता है कि फूलों की घाटी केदार खंड के स्कंद पुराण के नंदनकानन इसका उल्लेख किया गया है।

फूलों की वाली काे किस्म – किस्म नामों से जाना जाता है जैसे – पुष्पावली, पुष्परस, बैकुंठ, गन्धमादन, इत्यादि नामों से भी जाना जाता हैं। यहाँ पर एक पुष्पावली नदी भी बहती हैं। फूलों के साथ यहाँ पर जंगली जानवरों कस्तूरी मिरग, मोनाल, भालू, आदि शेर आदि प्रकार के जंगली जानवर देखने को मिलेंगे।

फूलों की घाटी का इतिहास

फूलों के किस्म
फूलों के घाटी

माना जाता है कि जब लक्ष्मण को मेघनाथ नें बाण मारकर मूर्छित किया तो। तब हनुमान लक्ष्मण को बचाने के लिए संजीवनी जड़ी बूटी का ढूंढने में निकल गए। जैसे ही हनुमान हवा में उड रहें थें तभी हनुमान को एक हिमालय पर्वत देखाई दिया । ताे हनुमान ने इस विशाल पर्वत घाटी में पधारे थें। माना जाता है कि इस धाटी का सबसे पहले पता लगाने वाला व्यक्ति ब्रिटिश पर्वतारोही (फ्रेैंक एस स्मिथ) जब माँ और उनके साथी (आर एल हेल्ड सवथ ) दाे अध्यापक दून यूनिवर्सिटी से वनस्पति विज्ञान पर सर्च करें थे हिमालय की तलहटी से नीचे आतें समय वह दाेनाें सास्ता भटक गई ।

जिसमें इन्होंने यह फूलों की धाटी देखी थी। जो सन 1931 में उस अभियान सें लाेट रहें थे। फिर यहाँ पर उन्होंने रिसर्च किया। सन 1938 में (वैली ऑफ फ्लावर्स) के नाम से एक पुस्तक प्रकाशित किया था। जिसमें उन्होंने 500 से अधिक पुष्प की प्रजातियों दिखाई देती हैं। तब आगे चलकर यह विश्व में प्रसिद्ध हो गया। तथा यहाँ पर फूलों की धाटी धूमने का समय जुलाई से सितम्बर में है। यह महीना सर्वोत्तम माना जाता है। यहाँ पर ब्रह्म कमल भी खुला रहता है जाे हमारा राष्ट्रीय पुष्प भी माना जाता है।

नयी फूलों की घाटी
फूलों की अदृश्य

फूलों की घाटी में पाए जाने वाले पुष्प की प्रजातियां

फूलाें की धाटी में अनेक प्रकार के औषधियों और पुष्प पायें जातें हैं। जो हमारे जीवन में कई बीमारियां दवा इत्यादि में प्रयोग किया जाता है। यहाँ नवंबर से मई मध्य किस्म किस्म के फूल फूल खिले रहता हैं। यहाँ पर पाये जाने वाली पुष्प की प्रजाति – माेरिना, लिगुलारिया, अनालिसस, गेंदा तारक, बदनाम, स्टोबेरी, काेडानाेपसिस, इन्डूला जिउम, साैसुरिया, राेडाेडियाेटान, आदि प्रकार के पुष्प जाते हैं।

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