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मनुष्य का उत्सर्जी तन्त्र | manushya kya utsarjit tantra

मनुष्य का उत्सर्जी तन्त्र शरीर में उपापचय क्रियाओं के फलस्वरूप बने उत्सर्जी पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना उत्सर्जन (excretion) कहलाता है। इस क्रिया में सहायक अंग उत्सर्जी अंग कहलाते हैं। अंगों के तन्त्र को उत्सर्जीत कहते हैं।

भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण | Bharat mein jansankhya vriddh

जनसंख्या वृद्धि का अर्थ होता है, किसी विशेष समय-अन्तराल में किसी देश या राज्य के निवासियों की संख्या में परिवर्तन। इस जनसंख्या परिवर्तन के लिए निम्नलिखित तीन घटक उत्तरदायी होते हैं।

हमारी सांस्कृतिक एकता | कक्षा-10 साहित्यिक गद्यांश (450 से 700) शब्द

हमारे देश ने आलोक व अन्धकार के अनेक युग पार किए हैं, परन्तु अपने सांस्कृतिक उत्तराधिकार के प्रति वह एकान्त सावधान रहा है। उसमें अनेक विचारधाराएँ समाहित हो गईं, अनेक मान्यताओं ने स्थान पाया, पर उसका व्यक्तित्व सार्वभौम होकर भी उसी का रहा।

उत्सर्जन किसे कहते हैं? | मानव में उत्सर्जन

जीव प्रकाशसंश्लेषण तथा श्वसन में जनित वर्ज्य गैसों से कैसे छुटकारा पाते हैं। अन्य उपापचयी क्रियाओं में जनित नाइट्रोजन युक्त पदार्थों का निकलना आवश्यक है। वह जैव प्रक्रम जिसमे इन हानिकारक उपापचयी कर्ज्य पदार्थों का निष्कासन होता है उत्सर्जन कहलाता है।

पीयूष ग्रन्थि क्या है? | पीयूष ग्रंथि के भाग

यह ग्रन्थि अग्र मस्तिष्क के पश्च अधर तल से लगी होती है। इससे स्रावित अधिकांश हॉमोन्स अन्य अन्तःस्रावी ग्रन्थियों के स्त्रावण को नियन्त्रित करते हैं, इस कारण इसे मास्टर ग्रन्थि (Master gland) कहते हैं।

ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत | urja ke paramparik strot

पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न ऊर्जा को गैर नवीकरणीय ऊर्जा के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि ये स्रोत उपयोग के साथ कम होते जाते हैं और उनका नवीनीकरण नहीं किया जा सकता है। जीवाश्म ईंधन इस श्रेणी के अंतर्गत आता है और उपयोग के साथ तेजी से घट रहा है।

मानवतावाद क्या है? परिभाषा | प्रमुख विशेषताएं | शैक्षिक महत्व

मानवतावाद एक ऐसा दृष्टिकोण है जिसमें मानवता और उसके प्रत्येक अंश मानव को प्रधानता दी जाती है। संसार में प्रत्येक राष्ट्र की सरकार द्वारा बनाये जाने वाले कानूनों तथा वहाँ होने वाली घटनाओं की व्याख्या इस दृष्टि से की जाती है कि इससे मानवता का, मानव का, मानवीय संस्कृति और सभ्यता का हित कहाँ तक होगा? उससे मानवीय हितों को कोई क्षति तो नहीं पहुँचेगी? उससे मानवीय एकता दृढ़ होगी अथवा नहीं। मानवता में मानव की उन्नति का विचार सर्वोपरि रहता है।

सूत्र और स्टाफ की परिभाषा दीजिए। | ‘सूत्र’ तथा ‘स्टाफ’ में अन्तर-

लाइन तथा स्टाफ की अवधारणा को सैनिक प्रशासन लिया गया है। सूत्र इकाई में उन पदाधिकारियों को सम्मिलित किया जाता है जो युद्ध के मैदान में आदेश देते हैं , सेना का नेतृत्व तथा संचालन करते हैं ; जैसे जनरल , ब्रिगेडियर , कर्नल आदि।

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