Hubstd.in

Big Study Platform

  1. Home
  2. /
  3. Uttarakhand Tourism
  4. /
  5. बद्रीनाथ कहाँ स्थित है?

बद्रीनाथ कहाँ स्थित है?

बद्रीनाथ का इतिहास

बद्रीनाथ भारत के उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले में स्थित है। बद्रीनाथ बर्फ डकी पर्वत श्रृंखला के गोद में बसा पवित्र धाम है। समस्त हिंदू जाति के लिए परम पूजनीय पवित्र स्थान है। हिंदू सनातन धर्म के अनुसार बद्रीनाथ की यात्रा के बिना सारी यात्रा अधूरी रहती है| अब से कुछ समय पहले यहां की यात्रा बहुत कठिन थी। अब यहां सड़क बन जाने कारण यहां सुगमता से पहुंचा जा सकता है। धार्मिक आस्था के कारण शारदालु निरंतर पहुंचते रहते हैं केवल यहां धार्मिक आस्था आस्था के लिए नहीं बल्कि सैलानियों और प्राकृतिक प्रेमियों के लिए भी एक मनोरंजन का स्थान है।

हिमालय के गढ़वाल क्षेत्र में 3722 ऊंचाई पर लक्ष्मण और अलकनंदा गंगा के संगम स्थल पर यह पुण्य भूमि स्थित है। इस स्थान पर कभी झाड़ियां हुआ करते थी इसी कभी बद्री वन भी कहा जाता था यहां गरम ठंडे पानी का स्रोत भी है शंकराचार्य के समय के बद्री वन को बद्रीनाथ भी कहा जाता है।

बद्रीनाथ में पोराणिक परम्परा

बद्रीनाथ कहाँ स्थित है?

बद्रीनाथ को देवताओ और नर का मिलन स्थान भी कहा जाता है आदि युग में नर और नारायण त्रेता युग में राम ने द्वापर युग में वेदव्यास ने कलीयुग में शंकराचार्य ने धर्म और संस्कृति के सूत परिवर्तन किये | बौद्ध धर्म के स्थान के बाद चीन ने भारत पर आक्रमण किया तथा बद्रीनाथ को नष्ट भ्रष्ट करके कृष्णमूर्ति को नारद कुंड में डाल दिया शंकराचार्य ने हिंदू धर्म पुनरुत्थान के लिए उस प्रतिमा को निकालकर गरुड़ गुफा स्थापित किया चंद्रवंशी गढ़वाल निवास ने यह मंदिर का निर्माण कराया उस मंदिर पर इंदौर की महारानी अहिल्या ने सोने का मुकुट चढ़ाया तभी से यहां तीर्थ भावनात्मक कहां घर बना| दक्षिण में नमुदरी रावण पाद ने इस प्रतिमाओं छू सकते हैं।

मान्यता के अनुसार बद्रीनाथ में लक्ष्मी जी यहां भोजन पकाती है और नारायण जी परोसते हैं अत: सभी जाति धर्म संप्रदाय के लोग एक पादप में बैठकर प्रसाद ग्रहण करते हैं यात्रा और धार्मिक दृष्टि से बद्रीनाथ विशेष महत्व इसलिए भी है की यह भारत का सबसे प्राचीन क्षेत्र है इसकी स्थापना सतयुग में हुई थी यहां प्राकृतिक सौंदर्य के साथ यहां आध्यात्मिक शांति मैं मिलती है यहां पूजा अर्चना के बाद पुनर्जन्म के पाप से मुक्त हो जाता है| बद्रीनाथ में नर और नारायण के दो पर्वत शिखर है। इनके बीच पठारी स्थल पर यहां मुख्य मंदिर स्थित है। मंदिर के पीछे की भूमि में बर्फ से ढकी दृष्टिमोचर है।

बद्रीनाथ कहां स्थित है
बद्रीनाथ कहां स्थित है

Badrinath यात्रा का प्रारंभ

बद्रीनाथ यात्रा का प्रारंभ प्रत्येक वर्ष मई में कपाट खुल जाते है| इस बीच यहाँ पर अधिक मात्रा में लोग दर्शन करने आते हैं| तथा कपाट बंद होने का समय नवंबर में किये जाते है क्योंकि यहाँ पर नवंबर से लेकर यहाँ पर बर्फ पडने शुरू हो जाती है तथा यह बर्फ मार्च तक पडती रहती है| इस बीच काफी मात्रा में लोग दर्शन करने के लिए आते हैं।

Badrinath का प्राकृतिक सौंदर्य

बद्रीनाथ का प्राकृतिक सौंदर्य की बात करें तो हम उपर आसमान पर बादलों से भरा नजारा और नीचे सोने से भी अधिक शुशोभित मन्दिरों में एक मन्दिर है। मन्दिर के पीछे भी बर्फ से भरा हिमालय पर्वत है।

Also Read: उत्तराखंड मैं कौन-कौन से पर्यटन स्थल हैं?