बधाणी ताल भारत देश के उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जनपद के जखोली ब्लॉक ब्लॉक के बधाणी गांव में स्थित है। जाे रुद्रप्रयाग जनपद से 60 किलो०मीटर की दूरी पर स्थित है। जो समुद्र तल से 7000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जहां पर तापमान की मात्रा सामान्य रहती है। जह मंदिर पर्यटन स्थलों में से एक है।
बधाणी ताल का परिचय

बधाणी ताल मन्दिर बाधाणी गांव में स्थित है। बधाणी ताल झील, (तालाब) गाेली आकार का बना एक सुन्दर (तालाब) झील है। यह पर रंग- बिरंगी मछलियां पाई जाती है। माना जाता है कि यह पानी त्रिजुगीनरायण से आता है। मान्यता के अनुसार जब त्रिजुगीनारायण में जगी (पूजा) हाेती है ताे यहाँ पर बाधाणी ताल में जाै, तिल ,फूल इत्यादि सामान जमीन के अन्दर से फिलटर हाेकर आता है।
यहाँ पर दैवी शक्ति के कारण ऐसा पाैराणीक के मान्यता के अनुसार माना जाता हैं। बधाणी ताल में प्रत्येक वर्ष 13 व 14 अप्रैल वैशाखी का भव्य मेला लगता है। जिसमें यहाँ पर लाेग दूर-दूर गाँव के लाेग, देश विदेशों से इस स्थान से दर्शन करने के लिए आते हैं।
बधाणी ताल का इतिहास

माना जाता है कि त्रिजुगीनरायण में बहुत बड़ा हवन हुआ था उसी हवन के कारण यहां पर जल की धारा प्रविष्ट हुई उसी जल की धारा में यहां पर हवन सामग्री जोै तिल फूल इत्यादि सामग्री बधाणी ताल मैं आयी। यहां पर एक मंदिर भी है।
त्रिजुगी नारायण के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर है। और उसी के 50 मीटर पर एक मन्दिर ओर स्थित है। वहाँ पर हनुमान और गंगा मैया की पूजा होती है। क्यों यह एक पवित्र स्थान माना जाता है।
बधाणी ताल प्राकृतिक सौंदर्य

- बधाणी ताल चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ ताल है। यहां खूबसूरती से भरा एक भव्य मंदिर है।
- बधाणी ताल में किसम किसम की मछलियां पाई जाती हैं। जैसे – लाल, सफेद, नीली, पीली, आदि प्रकार की मछलियां पाई जाती हैं।
- बधाणी ताल इधर -उधर जगलाें से भरा किसम – किसम पेड़ पौधों पाये जाते हैं। इन पौधों से शुद्ध हवा और जल मैदानी क्षेत्र तक जाती है।
- बधाणी ताल में हरी भरी धास और बुग्याल से भरा क्षेत्र है।
बधाणी ताल का रास्ता
अगर आप दिल्ली (459) से हरिद्वार (220) किलाे०मीटर से होती हुए। ऋषिकेश(197) से श्रीनगर (90) होते हुए रुद्रप्रयाग (60)से तिलवाड़ा(49) पहुंच कर। आपको मयाली (30) से जखोली (26) बधाणी ताल काे गाड़ी से जाना पडेगा।
बधाणी ताल के आसपास के मंदिर
1- गाेठाणा, 2- वासुदेव मन्दिर, 3- सहजा देवी मंदिर
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