
अमौखिक संप्रेषण (non-verbal communication) किसे कहते हैं?
अमौखिक (Non-verbal) सम्प्रेषण, बिना शब्दों व अपने हावभावों (Gestures) द्वारा अपनी बात को समझना कहलाता है। सम्प्रेषण खोजकर्ताओं ( Researchers ) ने पता लगाया है कि कई बार मौखिक सम्प्रेषण का लोगों पर उतना प्रभाव नहीं पड़ता जितना कि अमौखिक सम्प्रेषण का पड़ता है। इसलिए कई कम्पनियां तो अपने कर्मचारियों (Employees) को इसका प्रशिक्षण (Training) भी कराती हैं।
अमौखिक सम्प्रेषण के लक्षण (Characteristics Of Non – Verbal Communication)-
चेहरे के भावों से संदेश पर काफी प्रभाव पड़ता है यदि बिना हाव-भाव (Expressions) के कोई बात कही जाए तो वह बात अर्थरहित (Meaningless)लगती है। हाव-भाव संदेश को पूरी तरह से बदल सकते हैं जो संदेश आप देना चाहते हैं।
भावनाओं व भाव –
भंगिमाओं का सम्प्रेषण-जैसा कि हम जानते हैं Non-verbal सम्प्रेषण व्यक्ति की विषयात्मक (Subjective) प्रतिक्रिया को प्रदर्शित करता है अर्थात वह गुस्से में है, या शांत है, आदि। यदि कोई संदेश किसी चीज की प्लानिंग या किसी विचार करने (Meeting) से संबंधित है।
तो उसे आप केवल अमौखिक चैनल से नहीं कह सकते हैं जैसे आपको अपने सहयोगियों को कल Sales meeting के लिए बुलाना है तो आप उसे अमौखिक signal देकर नहीं कह सकते उसे आपको अपना Attitude दिखाना होता है जैसे उत्सुक आंखों से, हिम्मत से आप कहोगे “Sale meeting।”
अस्पष्टता –
अमौखिक सम्प्रेषण हमेशा समझना आसान नहीं होता है। न ही कोई शब्दावली (Dictionary) इसे स्पष्ट कर सकती है। संस्कृति (Culture) तथा संदर्भ (Content) के साथ इसका अर्थ बदलता रहता है। कभी-कभी इसके द्वारा वो बातें कह जाते हैं जिसका अर्थ कुछ और होता है। कुछ लोग भावनाओं को अच्छी तरह अनुभव कर लेते हैं लेकिन सामने वालों की शारीरिक प्रतिक्रिया उनके अनुसार नहीं होती है।
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निरन्तरता –
बातों पर नियंत्रण करना सम्भव हो सकता है लेकिन अपने भावों, अभिव्यक्ति पर नियंत्रण करना सम्भव नहीं होता है। किसी के सम्प्रेषण को कॉपी (Copy) करना भी अपने आप में एक सम्प्रेषण है। अगर बॉस के कमरे में लम्बे समय तक शांति (silence) चल रही है तो इसका अर्थ है कि कुछ गम्भीर चर्चा हुई है।
विश्वसनीयता –
यदि हम मौखिक व अमौखिक में अन्तर करना चाहें तो एक अंतर उस पर विश्वास का होता है। अमौखिक सम्प्रेषण अधिक विश्वसनीय होता है। कोई व्यक्ति शब्दों को झूठा बोल सकता है लेकिन उसकी आंख, उसकी अंगुलियां चेहरे के भावों को व्यक्त कर देती हैं कि उसने कुछ गलत किया है या करने जा रहा है। अतः सम्प्रेषण शब्दों से परे भावनाओं को व्यक्त करने का एक विश्वसनीय माध्यम है।
सांस्कृतिकबद्धता –
कुछ अमौखिक भाव सार्वभौमिक होते हैं जैसे खुशी होने पर मुस्कुराना, गुस्सा होने पर भौहें सिकुड़ना आदि। ये हाव-भाव किसी भी संस्कृति के लोग हों, समान होंगे। लेकिन कई संस्कृति के लोगों में इशारों के अर्थ अलग-अलग हो सकते हैं जैसे हमें बहुत बढ़िया कहना है तो अंगूठे से पहली अंगुली को दबाकर प्रदर्शित करते हैं, परन्तु कई देशों में इसका अर्थ गलत लिया जाता है।
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प्रश्न ओर अत्तर (FAQ)
अमौखिक संप्रेषण किसे कहते हैं?
अमौखिक (Non-verbal) सम्प्रेषण, बिना शब्दों व अपने हावभावों (Gestures) द्वारा अपनी बात को समझना कहलाता है।
अमौखिक संप्रेषण का एक लक्षण बताइए।
निरन्तरता –
बातों पर नियंत्रण करना सम्भव हो सकता है लेकिन अपने भावों, अभिव्यक्ति पर नियंत्रण करना सम्भव नहीं होता है। किसी के सम्प्रेषण को कॉपी (Copy) करना भी अपने आप में एक सम्प्रेषण है। अगर बॉस के कमरे में लम्बे समय तक शांति (silence) चल रही है तो इसका अर्थ है कि कुछ गम्भीर चर्चा हुई है।
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